साहिबे आलम ने मासूम सनीफ की मौत पर चेयरमैन जरवल की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया, सार्वजनिक माफ़ी और इस्तीफ़ा देने की मांग की।
जरवल कस्बा – सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य साहिबे आलम ने मोहल्ला रानीताल में खुले तालाब की बाउंड्री निर्माण न होने से हुई मासूम सनीफ की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने इस दर्दनाक घटना के लिए चेयरमैन जरवल की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और तत्काल कार्रवाई की मांग की। साहिबे आलम ने कहा कि जरवल नगर के मोहल्ला रानीताल में स्थित तालाब की बाउंड्री निर्माण को लेकर क्षेत्र के कई पत्रकार बंधुओं और जिम्मेदार नागरिकों ने बार-बार मांग उठाई थी, लेकिन अफ़सोस कि चेयरमैन जरवल ने इन सभी जनहित मांगों को लगातार नज़रअंदाज़ किया।
![]() |
| Photo: मृतक सनीफ |
बच्चे की जान नगर पंचायत की लापरवाही से गई:
इसी लापरवाही का दुखद परिणाम यह हुआ कि शुक्रवार को मासूम सनीफ (उम्र 2 वर्ष), पुत्र शाज़िब सिद्दीकी, खेलते-खेलते खुले तालाब में फिसल गया और डूबने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का कारण बन गया है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि अगर समय रहते तालाब की बाउंड्री बना दी जाती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।
साहिबे आलम ने कहा कि “अगर चेयरमैन जरवल ने समय रहते तालाब की बाउंड्री निर्माण की मांग को गंभीरता से लिया होता, तो आज वह मासूम हमारे बीच ज़िंदा होता।” उन्होंने कहा कि यह घटना नगर प्रशासन की उदासीनता और जनसुरक्षा के प्रति लापरवाही का साफ़ उदाहरण है।
बाउंड्री कराने और इस्तीफ़ा देने की हुई मांग:
आगे साहिबे आलम ने कहा कि चेयरमैन जरवल इस घटना की नैतिक ज़िम्मेदारी स्वीकार करें, मृतक बालक के परिवार से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे, और तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा दे दें। उन्होंने नगर प्रशासन से भी मांग की कि जनहित की इस मांग को तत्काल प्रभाव से गंभीरता से लिया जाए और रानीताल तालाब की सुरक्षित बाउंड्री का निर्माण कराया जाए, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसा दुख न झेलना पड़े।
![]() |
| Photo: रानीताल, तालाब, जरवल |
जनता की सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है। जब किसी क्षेत्र में खतरे की स्थिति बार-बार बताई जा रही हो और उसके बावजूद कोई कार्यवाही न हो, तो यह सीधी लापरवाही कहलाती है। उन्होंने कहा कि एक निर्दोष बच्चे की जान चली गई है, और यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं बल्कि पूरे नगर समाज की चेतावनी है कि यदि ऐसे सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगे भी ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं।


एक टिप्पणी भेजें