भारतीय मूल के Zohran Mamdani ने रचा इतिहास न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में शानदार जीत
न्यूयॉर्क 2025: भारतीय मूल के अमेरिकी राजनेता जोहरन क्वामे ममदानी (Zohran Kwame Mamdani) ने न्यूयॉर्क सिटी के डेमोक्रेटिक मेयरल प्राइमरी चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उन्होंने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को मात देकर न्यू यॉर्क की राजनीति में एक नई दिशा तय की है। उनकी यह जीत केवल एक चुनावी परिणाम नहीं, बल्कि अमेरिका में दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गई है।
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| New York Mayor Office: |
भारत से ममदानी का रिश्ता:
जोहरन ममदानी का जन्म 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ, लेकिन उनकी जड़ें भारत से गहराई से जुड़ी हैं। उनकी माँ मीरा नायर मशहूर भारतीय फिल्म निर्देशक हैं, जिन्होंने "मॉनसून वेडिंग" और "द नेमसेक" जैसी फिल्मों से अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई। उनके पिता महमूद ममदानी युगांडा मूल के भारतीय वंशज हैं और एक प्रतिष्ठित समाजशास्त्री व शिक्षाविद हैं। इस तरह जोहरन भले ही अमेरिका में पले-बढ़े हों, लेकिन उनका पारिवारिक और सांस्कृतिक रिश्ता भारत से गहराई तक जुड़ा हुआ है। उनकी भारतीय जड़ों का असर उनके विचारों और राजनीति में भी झलकता है — जहाँ वे सामाजिक समानता, शिक्षा, और प्रवासी समुदाय के अधिकारों की बात करते हैं।
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| image: Zohran Mamdani's Parents: |
कैसे मिली जीत - आँकड़ों में सफलता की कहानी:
2025 की न्यूयॉर्क सिटी डेमोक्रेटिक प्राइमरी *रैंक्ड-चॉइस वोटिंग सिस्टम* के तहत हुई, जिसमें मतदाता अपनी पसंद के क्रम में उम्मीदवार चुनते हैं।
प्रारंभिक दौर में ममदानी को लगभग 43.5% वोट मिले, जबकि एंड्रयू कुओमो को 36.4% वोट प्राप्त हुए।
अंतिम राउंड की गिनती में ममदानी ने कुल 5,73,169 वोट हासिल किए, जबकि कुओमो को 4,43,229 वोट मिले।
इस तरह ममदानी ने करीब 1.3 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की — जो न्यूयॉर्क की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर माना जा रहा है।
जीत की वजह - रणनीति और जनता से जुड़ाव:
ममदानी की जीत की सबसे बड़ी वजह थी उनकी जमीन-से-जुड़ी राजनीति, उन्होंने अपने पूरे अभियान को आम लोगों की समस्याओं पर केंद्रित किया — जैसे बढ़ती मकान-किराया दरें, महंगाई, सार्वजनिक परिवहन की हालत और आवासीय असमानता। उनका संदेश साफ था न्यूयॉर्क सभी के लिए होना चाहिए, सिर्फ अमीरों के लिए नहीं। उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए युवाओं तक पहुंच बनाई और दक्षिण एशियाई, मुस्लिम, अफ्रीकी-अमेरिकी तथा लेफ्ट-लिबरल समुदायों को एकजुट किया। उनकी टीम में युवा कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक थी, जो पारंपरिक राजनीतिक ढांचे से अलग होकर बदलाव की बात कर रहे थे।
भारत में कैसी प्रतिक्रिया रही:
भारत में ममदानी की जीत की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोगों ने इसे “भारतीय मूल के बेटे की विश्व राजनीति में जीत” बताया। हालांकि, कुछ वर्गों ने उनके राजनीतिक विचारों पर सवाल भी उठाए क्योंकि ममदानी ने भारत की कुछ नीतियों, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात भूमिका पर आलोचनात्मक टिप्पणी की थी। इसके बावजूद, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग ने उनकी जीत को लोकतंत्र और विविधता की जीत बताया। कई लोगों ने कहा कि “यह साबित करता है कि भारतीय प्रवासी दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखे हुए हैं।
आगे का रास्ता:
अब जब ममदानी न्यूयॉर्क सिटी के मेयर-इलेक्ट (Mayor-elect) बन चुके हैं, उनका कार्यकाल 1 जनवरी 2026 से शुरू होगा। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती शहर की महंगाई, आवास संकट और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार की है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर वे इन मुद्दों पर ठोस कदम उठाते हैं, तो यह जीत उन्हें राष्ट्रीय राजनीति की ओर भी ले जा सकती है।
निष्कर्ष:
जोहरन ममदानी की कहानी केवल एक चुनावी जीत नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक यात्रा है —
एक भारतीय मूल के परिवार से निकला युवक जिसने प्रवासी समाज में अपनी पहचान बनाई, और अंततः अमेरिका के सबसे बड़े शहर की राजनीति में बदलाव का प्रतीक बन गया। उनकी जीत यह भी दिखाती है कि विचार, ईमानदारी और जनता से जुड़ाव अब भी राजनीति में सबसे बड़ी ताकत हैं।


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