इज़राइल के जियोनिस्ट और RSS जुड़वां भाई है केरल के सीएम: देखिए RSS शताब्दी पर विपक्ष के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया?

कैरल के CM का बयान सियासी माहौल गरमाया?

आर एस एस (RSS) के शताब्दी समारोह में जारी डाक टिकट और ₹100 के सिक्के को लेकर केरल के मुख्यमंत्री ने इसे संविधान का अपमान बताते हुए बड़ा बयान दिया है ओर (आरएसएस) को इज़राइल के जियोनिस्ट से जोड़ते हुए दोनों को जुड़वां भाई बता दिया है साथ ही विपक्ष के नेताओं ने संघ की आलोचना करते हुए इसे विभाजनकारी, प्रतिक्रियावादी, ओर स्वतंत्र संग्राम विरोधी बताया है.

RSS/CM Kerala

नई दिल्ली: आर एस एस (RSS) के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा एक स्मारक ओर ₹100 का सिक्का जारी किया गया है जिसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 2 अक्टूबर को आर एस एस की तुलना इज़राइल के जियोनिस्ट से करते हुए दोनों को जुड़वां भाई बताया है, 

कन्नूर के एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम पिनारई ने कहा इज़राइल में जियोनिस्ट और भारत में आर एस एस (RSS) जुड़वां भाई है, इससे पहले सीएम पिनारई ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आर एस एस (RSS) की शताब्दी समारोह मनाना हमारे संविधान का घोर अपमान है, उन्होंने लिखा, यह एक ऐसे संगठन को वैधता प्रदान करता है जिसने स्वतंत्रता संग्राम से दूरी बनाए रखी ओर औपनिवेशिक राजनीति से जुड़े एक विभाजनकारी विचारधारा को बढ़ावा दिया यह राष्ट्रीय सम्मान सच्चे स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति और उनके द्वारा देखे गए धर्म निरपेक्ष एकीकृत भारत पर सीधा हमला है,

इसके अलावा आम आदमी पार्टी के (राज्यसभा) संसद: संजय सिंह ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वो एक ऐसे संगठन का जश्न मना रही है जिसने 52 वर्षों तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया और औपनिवेशक शासन के दौरान अंग्रेजों का साथ दिया,

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महा सचिव डी राजा ने में भी सामाजिक और सांस्कृतिक इतिहास में आर एस एस का क्या योगदान है? प्रतिक्रियावादी, विभाजनकारी, सांप्रदायिक और लोगों का ध्रुवीकरण करने वाला संगठन है ओर देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा का रहा है, पीएम को चैलेंज करता हूं कि वो स्वतंत्रता आंदोलनों के आर एस एस की भूमिका स्पष्ट करे, उन्हें लोगो को समझना चाहिए,

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेकिनवादी) के महा सचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इस आयोजन को दुर्भाग्य पूर्ण बताते हुए कहा ये एक ऐसा संगठन है जिसे महात्मा गांधी की हत्या में भूमिका के लिए वक्त के गृह मंत्री सरदार ने प्रतिबंधित कर दिया था ये एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग है कि इसका शताब्दी समारोह गांधी जयंती से मेल खाता है,

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उन्होंने आगे कहा कि शायद इससे भी बुरी बात ये है कि मौजूदा सरकार इसे पूरे जोश के साथ माना रही है आज भाजपा और आर एस एस के बीच की सीमा रेखा मिट चुकी है,

"नए तरीके से डिजाइन किए गए स्मारक डाक टिकट और सिक्के को जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर एस एस को शाश्वत राष्ट्रीय चेतना का अवतार बताया और कहा कि 2047 तक एक विकसित भारत निर्माण के मिशन में इस संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी"
- पीएम मोदी

आखिर कैसा दिखता है नया ₹100 का सिक्का? 

इस नए सिक्के में सामने की तरफ (राष्ट्रीय प्रतीक) अशोक स्तंभ है ओर ऊपर हिंदी में भारत और इंग्लिश में इंडिया लिखा हुआ है जबकि नीचे सिक्के का मूल्य यानी ₹100 लिखा हुआ है अगर पीछे की तरफ देखे तो भारत माता का चिन्ह है जो किसी देवी की तरह बना है जिसके साथ एक शेर को दिखाया गया है जो ताकत का प्रतीक बताया जा रहा है जबकि भारत माता के सामने झुकी अवस्था में स्वयंसेवक को दर्शाया गया है जबकि बॉर्डर पर सांस्कृतिक श्लोक / आदर्श वाक्य - (राष्ट्रस्य स्वाहा इंद राष्ट्रय इंद न मम) अर्थ सब कुछ राष्ट्रीय को समर्पित है, कुछ भी मेरा नहीं है,


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